Sri Aurobindo Ghosh Life Essay In Hindi
महर्षि अरविन्द का जीवन – परिचय
महर्षि अरविन्द का जन्म 15 अगस्त सन 1872 को कोलकाता में हुआ. इनके पिता का नाम डॉ. कृष्णघोष और माता का नाम स्वर्णलता था. अरविन्द को 7 वर्ष की आयु में शिक्षा लेने के लिए इंग्लैंड भेजा गया. उन पर भारतीयों से मिलने पर प्रतिबन्ध था. फिर भी आगे चलकर अरविन्द एक क्रांतकारी, स्वतंत्रता सेनानी, महान भारतीय राजनैतिक, दार्शनिक तथा वैदिक पुस्तकों के व्याख्याता बने.

Sri Aurobindo
सन 1893 में अरविन्द भारत लौटे. वे बड़ौदा आकर एक कॉलेज में प्रधानाचार्य बने. उन्होंने बाद में ‘वंदेमातरम्’ पत्र का संपादन भी किया. उन्होंने युवाओ को ईमानदारी, अनुशासन, एकता, धैर्य और सहिष्णुता द्वारा निष्ठा करने को कहा.
सन 1903 में वे क्रांतकारी गतिविधियों में शामिल हो गये. अंग्रेजो ने भयभीत होकर सन 1908 में उन्हें और उनके भाई को अलीपुर जेल भेजा. यहाँ उन्हें दिव्य अनुभूति हुई. उन्होंने ”काशवाहिनी” नामक रचना की. जेल से छूटकर अंग्रेजी में ‘कर्मयोगी’ और बंगला भाषा में ‘धर्म’ पत्रिकाओ का संपादन किया.
उन्होंने सन 1912 तक सक्रिय राजनीति में भाग लिया. इसके बाद उनकी रूचि गीता, उपनिषद और वेदों में हो गयी. भारतीय संस्कृति के बारे में महर्षि अरविन्द ने ” फाउंडेशन ऑफ़ इंडियन कल्चर ” तथा ” ए डिफेंसऑफ़ इंडियन कल्चर ” नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी. उनका काव्य ” सावित्री ” अनमोल धरोहर है.
सन 1926 से 1950 तक वे अरविन्द आश्रम में तपस्या और साधना में लींन रहे. यहाँ उन्होंने सभाओ और भाषणों से दूर रहकर मानव कल्याण के लिए चिंतन किया. वर्षो की तपस्या के बाद उनकी अनूठी कृति ” लाइफ डिवाइन ” (दिव्य जीवन) प्रकाशित हुई. इसकी गणना विश्व की महान कृत्यों में की जाती है.
श्री अरविन्द अपने देश और संस्कृति के उत्थान के लिए सतत सक्रिय रहे. उनका पांडुचेरी स्थित आश्रम आज भी आध्यातिम्क ज्ञान का तीर्थस्थल माना जाता है, जहाँ विश्व के लोग आकर ज्ञान की प्यास को शांत करते है.
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Very informative…. pleased to read about Aurobindo.
ye filhal english me hi availble hai.
Kya life divine hindi me mil sakti h
Accha hai aar vistar hona chahiye samay samay par
Hii pankaj thankyou so much.
Thankyou amul ji for your comment.
Impressive biography…..me Aurobindo ji se bahut impress hoon…..inka super mind se related philosophy mujhe bahut pasand aayi thi jo mene ek book me read ki thi……thanks…….
महर्षि अरविन्द जी के बारे में आपकी यह जीवनी बहुत अच्छी है।
You wriiten very well sir. i like you writing.
Aapke blog par rojana nayi chij padhkar motivation milta hai.