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बुरी संगती से बचो हिन्दी प्रेरणादायक कहानी !

September 28, 2016 By Surendra Mahara 8 Comments

बुरी संगती से बचो हिन्दी प्रेरणादायक कहानी / Buri Sangati Se Bacho 

Table of Contents

  • बुरी संगती से बचो हिन्दी प्रेरणादायक कहानी / Buri Sangati Se Bacho 
    • Buri sangati Se Bacho Hindi Kahani
      • Moral Of This Story :

Buri sangati Se Bacho Hindi Kahani

एक बार सागर तट पर गरुड़ भगवान के आने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही सभी पक्षी सागर तट पर इकटठे होने लगे. हर एक के मन में यही इच्छा थी किसी प्रकार वे भगवान गरुड़ के दर्शन कर ले.

इसी भीड़ में दो मित्र भी दिखाई पड़ रहे थे. एक कौआ था और दूसरा बटेर. ये दोनी भी भगवान गरुड़ के दर्शनों के लिए बड़ी दूर से चल कर आये थे.

Buri sangati Se Bacho Hindi Kahani

 

buri-sangati-se-bacho

         चतुर कौआ

जिस मार्ग से वे दोनों आ रहे थे उसी राह पर जाता हुआ उन्हें एक ग्वाला भी मिला जो सिर पर दही का मटका रखे हुए था.

कौए की दृष्टि तो खाने के मामले में बड़ी तेज होती है. बस उसने दूर से ही उस दही के मटके को भी देख लिया. दही देखकर उसके मुँह में पानी आ गया. तत्काल कौआ उड़ता हुआ नीचे उतरा और मटके पर बैठकर दही खाने लगा.

वह थोड़ा सा दही अपनी चोंच में भर लेता और उड़ जाता. ऐसा उसने अनेक बार किया. आखिर में ग्वाले को पता चला कि उसके सिर पर रखे मटके में से कोई दही खा रहा है.

कौआ तो अपनी आदत छोड़ नहीं सकता था. फिर जब किसी भूंखे को बढ़िया भोजन मिल रहा हो तो वह कब रुकता है. बेचारे बटेर ने उसे ऐसा करने से रोका भी था, मगर कौआ कहाँ मानने वाला था.

उसने तो अपना खाने का क्रम जारी रखा. दूसरी ओर ग्वाला भी जान गया था कि उसका दही कम हो रहा है. इसलिए उसने दही का मटका सिर से उतार कर नीचे जमीन पर रख दिया और ऊपर दृष्टि कर दही चोर को खोजने लगा. ऊपर एक वृक्ष पर कौआ और बटेर दोनों साथ – साथ बैठे थे.

तुम ही हो वे चोर, जिन्होंने मेरा दही खाया है ” , ग्वाला बोला. क्रोध भरे ग्वाले ने पास पड़ा एक बड़ा सा पत्थर उठाकर उसे दे मारा.

कौआ तो चोर था ही. उसे पता था कि ग्वाला क्रोध से भरा हुआ है. वह अवश्य ही चोर को मारेगा. इसलिए उसने उस पत्थर को अपनी ओर आते देखकर झट से उड़ान भरी और वहां से चलता बना. ग्वाले का पत्थर बेचारे निर्दोष बटेर को जा लगा और उसने वही पर दम तोड़ दिया.

Moral Of This Story :

इसलिए कहा गया है की किसी भी बुरे आदमी के साथ न रहो और न ही उसके साथ कही यात्रा पर निकलो. चोर के संग रहोगे, तो चोर ही समझे जाओगे.

जुआरी के संग जुआरी व शराबी के संग शराबी ही समझे जाओगे. इसलिए कहा गया है कि बुरी संगती से हमेशा बचना चाहिए. बुरे आदमियों के साथ रहकर कभी कोई अच्छा नहीं बन सकता. यही इस कहानी से शिक्षा प्राप्त होती है.

दोस्तों ! हमें पूरी उम्मीद है की आपको बुरी संगती से बचो हिन्दी प्रेरणादायक कहानी जरुर पसंद आई होगी. अपनी राय अवश्य दे.

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निवेदन – आपको Buri sangati Se Bacho Hindi Kahani, panchatantra ki Hindi prerak kahani / पचंतन्त्र की प्रेरक कहानी कैसी लगी हमे अपने कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताये क्योंकि आपका एक Comment हमें और बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

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Filed Under: Hindi Kahani, INSPIRATIONAL STORY, Motivational article, प्रेरणादायक हिन्दी कहानी, शिक्षाप्रद कहानी Tagged With: Buri sangati in hindi, crow aur rahi, panchatantra inspirational hindi story, panchatantra ki kahaniyan

About Surendra Mahara

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Comments

  1. tenali raman stories in hindi says

    August 2, 2019 at 8:31 am

    Nice post..

  2. KULDEEP CHAUHAN says

    June 14, 2017 at 5:13 pm

    Nice story sir

  3. Surendra Mahara says

    March 8, 2017 at 9:07 am

    मुकेश जी मैं इस हफ्ते आपकी कहानी को पब्लिश कर दूंगा. आपका बहुत – बहुत धन्यवाद.

  4. Mukesh Pandit says

    March 6, 2017 at 4:11 pm

    बहुत ही प्रेरक कहानी।

    Surendra जी, आपके e-mail पर मैने कुछ दिन पहले ही एक प्रेरक कहानी शेयर की है अगर आपको अच्छी लगे तो उसे अपने पाठकों के साथ जरूर शेयर करें।

  5. Surendra Mahara says

    September 30, 2016 at 7:41 am

    Thankyou Amul ji.

  6. Amul Sharma says

    September 29, 2016 at 3:27 pm

    vichara bater mara gaya…….sahi kaha gaya hai ki buri sangati ka parinaam bura hi hota hai…….acche dost banao…….to acche vichar milenge aur acche vicharon se Success milegi…..thanks for nice story……

  7. Surendra Mahara says

    September 29, 2016 at 8:09 am

    वाह ! क्या लाइन बोली है आपने. धन्यवाद निखिल जी.

  8. Nikhil Jain says

    September 29, 2016 at 1:42 am

    कोयले की दलाली में मुँह काला लेकिन अगर बुरी संगत का साया भी पड़ जाए तो किस्मत भी माड़ी बन जाती है, बेचारा बटेर बिन मतलब मारा गया।
    हमेशा बुरी लोगों से दूर रहने में ही भलाई है।

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