बुरी संगती से बचो हिन्दी प्रेरणादायक कहानी / Buri Sangati Se Bacho
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Buri sangati Se Bacho Hindi Kahani
एक बार सागर तट पर गरुड़ भगवान के आने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही सभी पक्षी सागर तट पर इकटठे होने लगे. हर एक के मन में यही इच्छा थी किसी प्रकार वे भगवान गरुड़ के दर्शन कर ले.
इसी भीड़ में दो मित्र भी दिखाई पड़ रहे थे. एक कौआ था और दूसरा बटेर. ये दोनी भी भगवान गरुड़ के दर्शनों के लिए बड़ी दूर से चल कर आये थे.
Buri sangati Se Bacho Hindi Kahani

चतुर कौआ
जिस मार्ग से वे दोनों आ रहे थे उसी राह पर जाता हुआ उन्हें एक ग्वाला भी मिला जो सिर पर दही का मटका रखे हुए था.
कौए की दृष्टि तो खाने के मामले में बड़ी तेज होती है. बस उसने दूर से ही उस दही के मटके को भी देख लिया. दही देखकर उसके मुँह में पानी आ गया. तत्काल कौआ उड़ता हुआ नीचे उतरा और मटके पर बैठकर दही खाने लगा.
वह थोड़ा सा दही अपनी चोंच में भर लेता और उड़ जाता. ऐसा उसने अनेक बार किया. आखिर में ग्वाले को पता चला कि उसके सिर पर रखे मटके में से कोई दही खा रहा है.
कौआ तो अपनी आदत छोड़ नहीं सकता था. फिर जब किसी भूंखे को बढ़िया भोजन मिल रहा हो तो वह कब रुकता है. बेचारे बटेर ने उसे ऐसा करने से रोका भी था, मगर कौआ कहाँ मानने वाला था.
उसने तो अपना खाने का क्रम जारी रखा. दूसरी ओर ग्वाला भी जान गया था कि उसका दही कम हो रहा है. इसलिए उसने दही का मटका सिर से उतार कर नीचे जमीन पर रख दिया और ऊपर दृष्टि कर दही चोर को खोजने लगा. ऊपर एक वृक्ष पर कौआ और बटेर दोनों साथ – साथ बैठे थे.
तुम ही हो वे चोर, जिन्होंने मेरा दही खाया है ” , ग्वाला बोला. क्रोध भरे ग्वाले ने पास पड़ा एक बड़ा सा पत्थर उठाकर उसे दे मारा.
कौआ तो चोर था ही. उसे पता था कि ग्वाला क्रोध से भरा हुआ है. वह अवश्य ही चोर को मारेगा. इसलिए उसने उस पत्थर को अपनी ओर आते देखकर झट से उड़ान भरी और वहां से चलता बना. ग्वाले का पत्थर बेचारे निर्दोष बटेर को जा लगा और उसने वही पर दम तोड़ दिया.
Moral Of This Story :
इसलिए कहा गया है की किसी भी बुरे आदमी के साथ न रहो और न ही उसके साथ कही यात्रा पर निकलो. चोर के संग रहोगे, तो चोर ही समझे जाओगे.
जुआरी के संग जुआरी व शराबी के संग शराबी ही समझे जाओगे. इसलिए कहा गया है कि बुरी संगती से हमेशा बचना चाहिए. बुरे आदमियों के साथ रहकर कभी कोई अच्छा नहीं बन सकता. यही इस कहानी से शिक्षा प्राप्त होती है.
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Nice post..
Nice story sir
मुकेश जी मैं इस हफ्ते आपकी कहानी को पब्लिश कर दूंगा. आपका बहुत – बहुत धन्यवाद.
बहुत ही प्रेरक कहानी।
Surendra जी, आपके e-mail पर मैने कुछ दिन पहले ही एक प्रेरक कहानी शेयर की है अगर आपको अच्छी लगे तो उसे अपने पाठकों के साथ जरूर शेयर करें।
Thankyou Amul ji.
vichara bater mara gaya…….sahi kaha gaya hai ki buri sangati ka parinaam bura hi hota hai…….acche dost banao…….to acche vichar milenge aur acche vicharon se Success milegi…..thanks for nice story……
वाह ! क्या लाइन बोली है आपने. धन्यवाद निखिल जी.
कोयले की दलाली में मुँह काला लेकिन अगर बुरी संगत का साया भी पड़ जाए तो किस्मत भी माड़ी बन जाती है, बेचारा बटेर बिन मतलब मारा गया।
हमेशा बुरी लोगों से दूर रहने में ही भलाई है।