मुर्ख व्यक्ति की मूर्खो वाली बाते हिन्दी कहानी Mahatma Budda Aur Murkh Vykti Hindi
Mahatma Budda Aur Murkh Vykti Hindi
महात्मा बुद्ध जिन दिनों बौद्ध धर्म के प्रचार में लगे थे. ऐसे अनेक लोग थे, जिन्हें बुद्ध की बाते पसंद नहीं आती थी. बुद्ध के समर्थको की संख्या दिनों – दिन बढ़ रही थी, तो उनके विरोधियो की संख्या भी कम नहीं थी.
![]() |
महात्मा बुद्ध और मुर्ख |
Mahatma Budda Aur Murkh Vykti Hindi
एक दिन महात्मा बुद्ध अपनी शिष्य मंडली के साथ किसी स्थान पर ध्यानस्थ होकर बैठे थे. तभी वहां एक व्यक्ति बुद्ध के पास आया. तब ध्यान में बैठे बुद्ध ने अपनी आँखे खोली और उस व्यक्ति से यहाँ आने का कारण पूछा.
उस व्यक्ति ने महात्मा बुद्ध से कहा की वे अपना उपदेश देना बंद कर दे.
महात्मा बुद्ध बोले – मैं उपदेश क्यों नहीं दूं. आप इसका कारण बताये ?
वह व्यक्ति बोला – आप कारण को छोडिये और जो मैं कह रहा हूँ वो करिए. ये उपदेश देना बंद करिए.
तब बुद्ध बोले – ” जब तक उपदेश बंद करने का सही कारण मेरी समझ में नहीं आता, मैं उपदेश देना बंद नहीं कर सकता. ”
Read : Chuha aur Bhagwan motivational Hindi story
इस पर वह व्यक्ति उन्हें गलियां देने लगा. उसके गालियाँ देने पर वहां बैठे बौद्ध भिक्षुओ के समूह में बैचैनी फ़ैल गई और महात्मा बुद्ध के शिष्यों को यह अपमान सहन नहीं हो रहा था. लेकिन बौद्ध चुपचाप उस आदमी की गालियां सुनते रहे. गालियां देते और बुरा – भला कहते हुए वह व्यक्ति कुछ समय बाद थक गया और चुप हो गया.
अब बुद्ध ने शांतिपूर्वक पूछा, ” क्यों मित्र ! चुप क्यों हो गये ? तुम्हारे खजाने में अब देने के लिए क्या और कुछ नहीं बचा है ? जो शेष है उसे भी दे दो. लेकिन विश्वास करो, तुमने मुझे जो भी दिया है, उसमे से मैंने कुछ भी नहीं लिया है. इसलिए वह सब तुम्हारे पास ही रह गया है. ”
वह व्यक्ति बुद्ध की बाते सुनकर पानी – पानी हो गया और बुद्ध के चरणों पर गिर गया और उनसे माफ़ी मांगी.
Read : आलस्य का त्याग करे हिंदी प्रेरक कहानी
दोस्तों, मनुष्य का जीवन अपने ही हाथों में है, वह अपने को जैसा चाहे बना सकता है. इस का मूलमंत्र यही है की बुरे, क्षुद्र और अश्लील विचार मन में न आने पाए, आप बलपूर्वक इन विचारो को हटाते रहे और उत्कृष्ट व पवित्र विचारो तथा भावो से अपने ह्रदय को पवित्र रखे.
अगर आपके विचार अच्छे और शुद्ध होंगे तो आपको हर जगह अच्छाई ही नजर आएगी किन्तु वही बुरे विचार मन में होने से आप छोटी – छोटी बातो में भी परेशान रहेंगे और अच्छी चीज में भी बुराई ढूँढने लगेंगे जो आपके व्यक्तित्व के लिए बहुत ही बुरा है. इसलिए अपने विचारो को नित्य नए और पवित्र रखे और बुरे विचारो को अपने मन से निकाल फेंके.
महात्मा बुद्ध के विचार पढने के लिए यहाँ Click करे.
मुझे उम्मीद है की आपको ये कहानी जरूर पसंद आई होगी ।
निवेदन -आपको महात्मा बुद्ध और मुर्ख व्यक्ति ज्ञानवर्धक हिन्दी कहानी , mahatma budda aur murkh vykti Hindi prerak kahani यह कहानी कैसी लगी हमे अपने कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताये क्योंकि आपका एक Comment हमें और बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा .
# हमारे Facebook Page पर हमसे जुड़े.
best kahani quite