• Home
  • Hindi Stories
  • Hindi Quotes
  • Hindi Poems
  • Hindi Biography
  • Hindi Slogans

Nayichetana.com

Best Hindi motivational & Inspiration Site, nayichetana, nayichetana.com, nai chetna, nayi chetna,




  • Home
  • Best Hindi Stories
  • Youtube Videos
  • Health In Hindi
  • Self Improvment
  • Make Money
You are here: Home / Best Hindi Post / शहीद भगत सिंह की प्रेरणादायक जीवनी !

शहीद भगत सिंह की प्रेरणादायक जीवनी !

February 16, 2016 By Surendra Mahara Leave a Comment

शहीद भगत सिंह की प्रेरणादायक जीवनी Bhagat Singh Biography in hindi

Bhagat Singh Biography in hindi

भारत के प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानी और देश के लिए मर – मिटने वाले शहीद भगत सिंह आज उन सभी युवाओ के आदर्श है जो देश के लिए जीते है. अपनी 23 वर्ष की अल्पायु में देश के लिए उन्होंने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया.

Bhagat Singh Bhagat Singh

           Bhagat Singh

शहीद भगत सिंह के जीवन पर निबंध

भगत सिंह ने देश पर कुर्बान होने के लिए अपनी निजी ज़िन्दगी का त्याग कर दिया और हँसते – हँसते फाँसी पर लटक गये. उनका यह अमर बलिदान देश में आजादी के लिए एक बहुत बड़ी चिंगारी पैदा कर गया जिसका नतीजा 15 अगस्त 1947 को देश का स्वतंत्र होना है.

भारत के महान अमर शहीद भगत का जन्म 28 सितम्बर सन 1907 को लायलपुर जिले के बंगा गांव में एक सिख परिवार में हुआ. इनके पिता सरदार किशन सिंह अपने चार भाइयो सहित सेंट्रल जेल में थे. माँ विद्यावती की धार्मिक भावना का भगत सिंह पर प्रभाव था. इनके परिवार में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी थी. इनकी बड़ी बहन का नाम अमरो था.

13 अप्रैल सन 1919 को अमृतसर में हुए जलियाँवाला बाग़ की घटना का भगत सिंह पर बड़ा प्रभाव पड़ा और इनकी सोच में बड़ा परिवर्तन आया. तब इन्होने शीशी में बाग़ की मिटटी लेकर इन्होने देश पर बलिदान होने की शपथ ली. इस घटना के समय भगत सिंह सिर्फ 12 वर्ष के थे.

यह भी पढ़े: मदन मोहन मालवीय के जीवन पर निबन्ध

भगत सिंह अपने घर में क्रांतकारी किताबो का अध्ययन करते थे. उन दिनों भारत में 2 प्रमुख विचारो का बोलबाला था. एक महात्मा गाँधी जी के अहिंसात्मक विचार और दूसरा क्रांतिकारियों की हिंसात्मक सोच.

महात्मा गाँधी जी का असहयोग आन्दोलन उन दिनों चरम पर था. तब भगत सिंह इस सोच – विचार में पड़ गये की आखिर उनको कौन सा रास्ता चुनना है- अहिंसा या क्रांतिकारी विचारधारा. अन्त में उन्होंने अन्य युवाओ की तरह आजादी के लिए क्रांति का मार्ग अपनाया.

नेशनल कॉलेज लाहौर में ये सुखदेव और यशपाल से मिले. तीनो मित्र क्रांतकारी गतिविधियों में भाग लेने लगे. सन 1926 में लाहौर में उन्होंने नौजवान सभा का गठन किया.

इसके प्रमुख उद्देश्य थे-
* देशभक्ति की भावना जाग्रत करना.
* देश की स्वतंत्र करना.
* आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक आंदोलनों को सहयोग देना.
* किसान और मजदूरो को संगठित करना.

नेशनल कॉलेज से भगत सिंह कॉलेज़ की पढ़ाई आधी – अधूरी छोड़कर क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने लगे और कई क्रान्तिकारी दलों के सदस्य बने. इसी बीच ये कानपूर में क्रांतकारी व देशभक्त गणेश शंकर विद्यार्थी से मिले और उनके साथ मिलकर क्रांतकारी गतिविधियाँ चलाने लगे.

इनको करतार साराभा ने वीर सावरकर की किताब ”1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम” पढने को दी भगत सिंह काफी प्रभावित हुए. इसके बाद भगत सिंह सन 1924 में येरवडा जेल में वीर सावरकर से मिले जो दो क्रांतिकारियों का अद्भुत मिलन था.

सावरकर से मिलने के बाद भगत सिंह के आजादी की सोच में बड़ा परिवर्तन आया. सावरकर ने भगत सिंह की मुलाकात चन्द्रशेखर आजाद से कराई और वे उनके दल में शामिल हो गये. भगत सिंह को लाहौर में हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन का मन्त्री बनाया गया.

इसके बाद काकोरी काण्ड में जब राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ व अन्य 4 क्रान्तिकारियों को फाँसी दी गई तो भगत सिंह से यह सहा नहीं गया और उन्होंने अपनी नौजवान पार्टी को हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन में मिला दिया.

यह भी पढ़े: महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की प्रेरक जीवनी

भगत सिंह जब बी. ए. में पढ़ रहे थे तब इनके पिता ने इनका विवाह करने की सोची. भगत सिंह ने बताया की उसने तन, मन और धन से देश सेवा की सौगंध खाई है और मैं इस लड़की का जीवन बर्बाद नहीं करना चाहता. इस कारण भगत सिंह ने विवाह से इनकार कर दिया.

सन 1928 में जब साइमन कमीशन भारत आया तो उसका पूरा देशभर में बहुत विरोध प्रदर्शन हुआ. भगत सिंह ने लाहौर में साइमन कमीशन के बहिष्कार की योजना बनाई. अंग्रेजो ने प्रदर्शन करने वालो पर लाठी चार्ज किया. जिसमे लाला लाजपतराय को गंभीर चोटे आई जिस कारण उनकी मृत्यु हो गयी. इस घटना से भगत सिंह को काफी झटका लगा.

जिस कारण भगत सिंह ने पुलिस कमिश्नर साँडर्स की हत्या की योजना बनाई. फिर राजगुरु, जयगोपाल व आजाद के साथ मिल कर भगत सिंह ने लाहौर कोतवाली के सामने पुलिस कमिश्नर साँडर्स की गोलियों से उड़ा कर हत्या कर दी और लाहौर से बाहर निकल गये.

भगत सिंह को पूँजीपतियों द्वारा मजदूरों का शोषण करना पसन्द नहीं था. इसलिए वे कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे भारतीयों की आँख खुले और अंग्रेज सरकार में थोड़ा डर पैदा हो. इस कारण भगत सिंह ने दिल्ली की केन्द्रीय एसेम्बली में बम फेंकने की योजना बनायी.

इस योजना में यह बात शामिल थी की यह बम ऐसी जगह पर फैका जायेगा जहाँ उस समय कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं होगा और किसी का भी कोई नुकसान न हो. फिर उसके बाद अपनी गिरफ्तारी दी जाएगी जिससे अंग्रेज को भारतीयों के रोष का अहसास होगा.

योजना के तहत इस कार्य के लिए सभी की सहमती से पार्टी द्वारा भगत सिंह व बटुकेश्वर दत्त का नाम चुना गया और निर्धारित दिन के अनुसार 8 अप्रैल सन 1929 में भगत सिंह और बटुकेश्वर ने असेम्बली में बम फेंका और इसके बाद अपने साथ लाये पर्चो को हवा में उछाल कर नारे लगाने लगे.

उनके नारे थे- इंकलाब – जिन्दाबाद, साम्राज्यवाद – मुर्दाबाद. जब वहां पुलिस आई तो उन्होंने अपनी गिरफ्तारी दी. उन्हें पुलिस द्वारा लाहौर सेंट्रल जेल में रखा गया.

7 अक्टूबर सन 1930 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी की सजा सुनाई गयी और अपनी फाँसी से पहले 3 मार्च को अपने भाई कुलतार को भेजे एक पत्र में भगत सिंह ने लिखा था :

उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़ – ए – ज़फ़ा क्या है ?
हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है ?

दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें.
सारा जहाँ अदू सही, आओ ! मुक़ाबला करें.

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनो क्रान्तिकारियो को 23 मार्च सन 1931 को फाँसी दे दी गई. फाँसी से पहले तीनो क्रान्तिकारी आपस में गले मिले और हँसते – हँसते फाँसी पर लटक गये.

फाँसी पर जाते समय वे तीनो क्रान्तिकारी यह पंक्तियाँ गुनगुना रहे थे –
मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे.
मेरा रँग दे बसन्ती चोला. माय रँग दे बसन्ती चोला.

आज भी देश की जनता उन महान क्रान्तिकारी भगत सिंह को याद करती है जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी और जवानी भारत माँ के लिए कुर्बान कर दी. ऐसे महान राष्ट्र भक्त को हमारा शत – शत नमन.

जरुर पढ़े : भगत सिंह के अनमोल विचार

धन्यवाद !

Read More Hindi Essay:
* भारत रत्न सचिन तेंदुलकर जीवनी
* सरोजिनी नायडू की प्रेरणादायक जीवनी

निवेदन- आपको all information about Bhagat Singh in hindi ये आर्टिकल कैसा लगा हमे अपने कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताये क्योंकि आपका एक Comment हमें और बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा और हमारे Facebook Page को जरूर LIKE करे.

Similar Articles:

  1. भगत सिंह के प्रेरणादायक विचार
  2. महान ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर की जीवन कहानी Varahamihira Biography history in hindi
  3. महान वीरांगना रानी दुर्गावती की जीवनी ! Rani Durgavati Life Essay In Hindi
  4. प्रेरणा से भर देने वाली स्टीव जॉब्स की कहानी
  5. स्वदेशी नेता राजीव दीक्षित की जीवनी

Filed Under: Best Hindi Post, Biography, Hindi Essay, प्रेरक जीवन, हिन्दी निबन्ध Tagged With: 23 march, bhagat singh biography in hindi, Bhagat Singh Essay in Hindi, Bhagat Singh history in hindi, Bhagat Singh ke bare me, Bhagat Singh ki jivani, Bhagat Singh par nibandh, Bhagat Singh Wikepedia in hindi, Nayichetana.com, Shahed divas, क्रांतिकारी अनमोल वचन, दो लाइन भगत सिंह शायरी, भगत सिंह का असली नाम क्या था, भगत सिंह का जन्म कब हुआ था, भगत सिंह का बचपन का नाम क्या था, भगत सिंह की जीवनी, भगत सिंह के अनमोल वचन, भगत सिंह के नारे, भगत सिंह के राजनीतिक विचार, भगत सिंह को फांसी क्यों दी गयी थी, भगत सिंह जीवनी हिंदी, भगत सिंह नारा, भगत सिंह पर निबंध, भगत सिंह पर निबंध हिंदी में, भगत सिंह पर भाषण, भगत सिंह पर शायरी, भगत सिंह पुस्तकें, भगत सिंह फोटो, भगत सिंह स्टेटस हिंदी, शहीद भगत सिंह

About Surendra Mahara

Surendra mahara Author and founder of Nayichetana.com. He is very passionate about blogging And make people motivated and positive..Read More
Connect On a Facebook
Connect On a Youtube

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Top 7 Best Article In Nayichetana. Com

  • चाणक्य की 10 बातें आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है
  • 3 बुरी लत जो आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगी
  • ऑनलाइन घर बैठे पैसे कैसे कमायें
  • Teenage में ये 7 गलतियाँ कभी भी न करना
  • वजन बढ़ाने मोटा होने के 21 आसान उपाय
  • अमेजन क्रेडिट कार्ड कैसे बनाये और इसके फायदे
  • लम्बाई बढाने के 23 बेस्ट तरीके

Recent Posts

  • ओलिस्तु ऑयल क्या है पूरी जानकारी About Olistu Oil In Hindi
  • 41 सर्वश्रेष्ठ मोटिवेशनल हिन्दी विचार
  • मंच पर बोलने की कला How to Deal Stage Fear in Hindi
  • कूटनीति कैसे सीखे ? Kutniti kaise kare
  • सुप्रभात संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ के साथ
| About Us | Contact Us | Privacy Policy | Terms and Conditions | Disclosure & Disclaimer |

You Are Now: Nayichetana.com Copyright © 2015 - 2022 to Nayichetana.com