Chandraprabha Aitwal Biography in Hindi

चन्द्रप्रभा एतवाल राष्टपति अवार्ड लेते हुए
चन्द्रप्रभा एतवाल के जीवन पर निबंध
पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में 24 दिसम्बर 1941 को विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही चन्द्रप्रभा एतवाल का जन्म हुआ. इन्हें ‘माउन्टेन गोट’ के नाम से भी जाना जाता है. साधारण कृषक परिवार में जन्मी चन्द्रप्रभा की प्राथमिक शिक्षा 1954 में छान्गरू (व्यास घाटी) में संपन्न हुई.
हाईस्कूल की परीक्षा 1959 मे रा. ई. कॉलेज पांगू से तथा इंटरमीडिएट रा. ई. कॉलेज नैनीताल से उत्तीर्ण की. विद्यालयी शिक्षा के दौरान ही खेल-कूद में प्रतिभाग करते हुए वह निरंतर आगे बढती रही. 1963 में नैनीताल से ही स्नातक परीक्षा पास की और 1965-66 में सी.पी.एड. करने के बाद वे रा.ई. कॉलेज पिथोरागढ़ में शिक्षण कार्य करने लगी.
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1972 में बेसिक पर्वतारोहण पाठ्यक्रम व अग्रवर्ती पर्वतारोहण उत्तरकाशी से सन 1975 में प्रथम श्रेणी में पास करके वे निरंतर पर्वतारोहण की ओर बढती रही.
1986 में साहसिक कार्यो की विशेष अधिकारी के रूप में उन्हें उत्तरप्रदेश सरकार ने नियुक्ति प्रदान की. अतः अध्यापन कार्य छोड़कर वे विशेषाधिकारी के पद पर कार्य करने लगी और वही से सेवानिवृत हुई. चन्द्रप्रभा एतवाल ने 28 बार हिमालय की दुर्लभ चोटियों पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की.
चन्द्रप्रभा एतवाल को 1989-90 में पदमश्री सम्मान सहित अर्जुन पुरूस्कार 1981, राष्ट्रीय साहसिक पुरूस्कार 1994, उ.प्र. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्वर्ण पदक और भारतीय पर्वतारोहण संस्थान द्वारा रजत पदक से अलंकृत किया गया है.
वर्ष 2010 में उन्हें तेनजिंग नोर्गे एडवेन्चर अवार्ड से सम्मानित किया गया. पर्वतारोहण के साथ ही रिवर राफ्टिंग में भी उनका विशिष्ट योगदान रहा है.
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