किसान की भलाई का फल हिन्दी शिक्षाप्रद कहानी

विश्वास
बहुत पहले की एक गांव की बात है. एक किसान एक बिस्किट की फैक्ट्री में प्रत्येक दिन 1 किलो मक्खन बेचा करता था. ऐसा ही कई महीनो तक चलता रहा. एक दिन बिस्किट फैक्ट्री के मालिक सेठ ने यह सोचा की आखिर आज क्यों न यह जाँच कर ली जाय की आखिर यह मक्खन एक किलो है या फिर नहीं. जब उसने मक्खन को तराजू में तौला तो पाया की मक्खन 1 किलो से कम है.
जब सेठ ने यह देखा की मक्खन एक किलो से कम है तो उसको बहुत गुस्सा आ गया और वह किसान को गांव के सरपंच के पास ले गया और सरपंच को सारी बात बता दी.
तब सरपंच जी ने किसान से पुछा- तुम सेठ को 1 किलो से कम मक्खन क्यों देते हो ?
तब किसान बोला- नहीं सरपंच जी मैं तो हमेशा सेठ जी को एक किलो मक्खन ही देता हूँ.
तब सरपंच जी ने किसान से पुछा- तुम मक्खन तोलने के लिए किस बाट का इस्तेमाल करते हो ?
किसान बोला- सरपंच जी, मैं तो पढ़ा-लिखा हूँ नहीं,मैं तो अनपढ़ हूँ. मेरे पास तोलने के लिए ऐसा कोई बाट नहीं है परन्तु मेरे पास एक बहुत पुराना तराजू है जिसका मैं मक्खन तोलने के लिए उपयोग करता हूँ.
*. संगति का असर प्रेरणादायक हिन्दी कहानी
सरपंच जी बोले- तो फिर तुम आखिर बिना बाट के तराजू में तोलते कैसे हो ?
यह सुनकर किसान ने जवाब दिया- सरपंच जी ! इस सेठ ने तो मुझसे मक्खन अभी हाल ही में खरीदना शुरू किया है परन्तु मैं तो बहुत समय पहले से इसके वहां से आटा खरीद रहा हूँ. रोज सुबह को जब मैं 1 किलो आटा लाता हूँ तो मैं आटे को बाट बनाकर मक्खन को तराजू में तौल देता हूँ.
अब आप ही बताएं की इसमें मेरा क्या दोष है.
यह सुनकर सरपंच को सारी बात समझ में आ गयी और उस सेठ को किसान से माफ़ी मांगनी पढ़ी.
सेठ को भी आज यह पता चल गया की हमें जिंदगी में वही वापिस मिलता है, जो हम दूसरों को देते हैं. जैसा हम दूसरों को देते हैं वैसा ही हम पाते है.
Friends, हमारे जीवन में भी यही बात लागू होती है की हम जैसा करेंगे वैसा भरेंगे.जैसी करनी करोगे वैसा ही फल हमको मिलेगा. अगर आप अपने जीवन में किसी के लिए भला करोगे तो वह भी आपके लिए भला ही सोचेगा.अगर किसी को दुखी करोगे तो तुमको भी दुःख ही मिलेगा.
दोस्तों ! अपने जीवन में हमेशा यह बात ध्यान रखे की हमें यह जीवन दूसरे के लिए बुरा करके नहीं गुजारना है.अपने जीवन को उच्च बनाओ अपने जीवन को भलाई के मार्ग में लगाओ.अगर आप किसी के लिए अच्छा नहीं कर सकते तो आपको किसी के साथ बुरा करने का कोई अधिकार नहीं होता है.
इसलिए अपने जीवन में यह सिद्धांत भी जोड़ ले की कभी भी किसी का बुरा मैं नहीं चाहूँगा और जहाँ पर भी मुझे मौका मिले तो दुखी और निर्बल लोगो की सेवा करूँगा.
यह भी पढ़े:
*. एक चरवाहा और भेड़िये हिन्दी प्रेरणादायक कहानी
*. बुद्धिमान मछलियां और एकबुद्धि मेढक प्रेरणादायक कहानी
निवेदन -आपको कहानी कैसी लगी हमे अपने कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताये क्योंकि आपका एक Comment हमें और बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा और हमारा FB LIKE BOX को जरूर LIKE करे.
Nice story
excellent
BHAUT VERY GOOD
Very good story
Motivated kahani toh nahi but ha kuch shikhne ko mila ki JO DIYA JATA HAI VAHI GHOOMKE PHIR SE KABHI NA KABHI AATA HI HAI… WHAT GOES AROUND, COMES AROUND.