• Home
  • About Us
  • Hindi Stories
  • Hindi Quotes
  • Hindi Poems
  • Hindi Biography

Nayichetana.com

Best Hindi motivational & Inspiration Life Site




  • Home
  • Best Hindi Stories
    • Competitive Exam
  • Youtube Videos
  • Hindi Essay
  • Health In Hindi
  • Self Improvment
  • Hindi Slogans
You are here: Home / Best Hindi Post / गुरुनानक देव जी की प्रेरणादायक जीवनी

गुरुनानक देव जी की प्रेरणादायक जीवनी

November 26, 2015 By Surendra Mahara 5 Comments

गुरुनानक देव जी की जीवनी Guru Nanak Dev Biography In Hindi

Guru Nanak Dev Biography In Hindi

Guru Nanak Dev

      Guru Nanak Dev

गुरुनानक देव जी के जीवन पर निबंध

गुरुनानक का जन्म आज से लगभग 500 वर्ष पहले 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी नामक गांव में हुआ था. यह अब ननकाना साहिब,पाकिस्तान मे है. इनके पिता का नाम कालूराय मेहता और माता का नाम तृप्ता था.

नानक जब कुछ बड़े हुए तो उन्हें पढने के लिए पाठशाला भेजा गया. उनकी सहज बुद्धि बहुत तेज थी. वे कभी-कभी अपने शिक्षको से विचित्र सवाल पूछ लेते जिनका जवाब उनके शिक्षको के पास भी नहीं होता. जैसे एक दिन शिक्षक ने नानक से पाटी पर ‘अ’ लिखवाया.

तब नानक ने अ तो लिख दिया किन्तु शिक्षक से पूछने लगे- गुरूजी ! ‘अ’ का क्या अर्थ होता है ? यह सुनकर गुरूजी सोच में पड़ गये.

भला ‘अ’ का क्या अर्थ हो सकता है ? ‘अ’ तो सिर्फ एक अक्षर है-गुरूजी ने कहा.

नानक का मन पाठशाला में नहीं रमा. वे अपने गांव के आस-पास के जंगलो में चले जाते और साधू-संतो की संगत करते. उनसे वे ईश्वर,प्रकृति और जीव के सम्बन्ध में खूब बातें करते. नानक का मन पढने-लिखने में नहीं लग रहा यह जब उनके पिता ने देखा तो उनके पिता ने उन्हें जानवर चराने का काम सौंप दिया.

इसके बाद भी नानक का सोच-विचार में डूबे रहना बंद नहीं हुआ.तब उनके पिता ने उन्हें व्यापार में लगाया. उनके लिए गांव में एक छोटी सी दूकान खुलवा दी.

एक दिन पिता ने उन्हें 20 रूपये देकर बाजार से खरा सौदा कर लाने को कहा. नानक ने उन रूपयों से रास्ते में मिले कुछ भूखे साधुओ को भोजन करा दिया और आकर पिता से कहा की वे ‘खरा सौदा’ कर लाये है. यह सुनकर कालू मेहता गुस्से से भर गये.

तब माता-पिता ने सोचा की अगर नानक का विवाह कर दिया जाय तो शायद नानक का मन गृहस्थी में लग जाये. इसलिए बटाला निवासी मूलराज की पुत्री सुलक्षिनी से नानक का विवाह करा दिया गया.

सुलक्षिनी से नानक के 2 पुत्र पैदा हुए. एक का नाम था श्रीचंद और दुसरे का नाम लक्ष्मीदास था लेकिन विवाह के बाद भी नानक का स्वभाव नहीं बदला.

यह भी पढ़े: शेर – ए – पंजाब रणजीत सिंह की जीवनी

विवाह के बाद कुछ समय तक उन्होंने सुल्तानपुर नवाब के वहां अनाज बांटने की नौकरी की परन्तु इसे भी छोड़ दिया. अब वे पूरी तरह साधू-संतो की संगत, चिंतन-मनन और ध्यान में राम गये. इस बीच उनके अनेक शिष्य बने.

सुल्तानपुर में एक गाने बजाने वाला मरदाना उनका शिष्य बना. वह रबाब बहुत अच्छी बजाता था. उनके साथ नानक ने घर-बार छोड़ दिया और यात्रा में निकल पड़े.

इस समय सारे समाज में अन्धविश्वास,ऊँच-नीच और जाति-पाति की भावनाएं फैली हुए थी. सरकारी कारिंदे और जमींदार जनता को लूट रहे थे. जनता की ऐसी दशा देखकर गुरुनानक जनता के बींच निकल पड़े.

सबसे पहले उन्होंने दक्षिण-पश्चिमी पंजाब की यात्रा की. यात्रा करते हुए वे सैदपुर गांव में पहुंचे. वहां वे लालू नमक एक बढई के घर रुके. यह गरीब, मेहनती, साधू-संतो का सेवक था.

यह बात गांव घर में फ़ैल गयी की गुरु नानक एक गरीब बढई के घर में ठहरे है. उसी गांव में ऊँची जाति का एक धनवान व्यक्ति भागो रहता था.

उसने अपने यहाँ दूर-दूर से संधू-संतो को बुलाकर एक भव्य भोज का आयोजन करवा रखा था. उन्होंने नानक को भोज में बुलाया किन्तु उन्होंने वहां जाने से इंकार कर दिया.

आखिर भागो ने उनसे अपने यहाँ न खाने का कारण जानना चाहा तो नानक ने कहा- मैं ऊँच-नीच में भेदभाव को नहीं मानता, लालो मेहनत से कमाता है जबकि तुम गरीबो,असहायों को सताकर दौलत कमाते हो. उसमे मुझे गरीबो के छीटे नजर आते है.

जब नानक जी ने एक हाथ से लालो की सूखी रोटी और दुसरे हाथ से भागो के घर का पकवान और जब दोनों हाथो को निचोड़ा तो लालो की रोटी से दूध निकला तो वही भागो की रोटी से खून निकला. यह देखकर भागो और अन्य लोग भौचक्के रह गये.

यहाँ से घूमते हुए वे पानीपत के सूफी संत शाह शरफ से मिले, जो उनसे मिलकर बहुत खुश हुआ. इसके बाद उन्होंने बहुत जगहो की यात्रा की. यात्रा करते हुए वे असम पहुंचे, जहाँ एक ऊँची जाति का व्यक्ति खाना पका रहा था. नानक उसके चौके में चले गये.

यह देखकर वह व्यक्ति नानक पर गुस्सा हो गया और चौके के भ्रष्ट होने की बात कही. यह सुनकर नानकदेव ने कहा की आपका चौका तो पहले से भ्रष्ट है क्योंकि आपके भीतर जो नीची जातियां बसती है, आप उसे कैसे पवित्र करेंगे. यह सुनकर वह आदमी बहुत शर्मिंदा हुआ.

Also Read: क्रान्तिकारी भगत सिंह की प्रेरक जीवनी

इस यात्रा में वे कुष्ठ रोगी के घर भी रुके और अपनी सेवा से उसे स्वस्थ बनाया. नानक ने अपनी यात्रा में मक्का और मदीना की भी यात्रा की. कहते है की एक बार भूलवश नानक जी जब लेटे थे, तो उनका पैर काबा की तरफ था.

एक व्यक्ति ने उनसे कहा की वे अपने पैर काबा की तरफ करके क्यों लेटे है तो नानक ने कहा की तुम मेरे पैर को उधर घुमा दो जहा को काबा नहीं है. वह व्यक्ति जिधर पैर घुमाता, उधर काबा ही नजर आता. अंत में उस व्यक्ति ने नानक जी से माफ़ी मांगी.

पढ़े : यो यो हनी सिंह की जीवनी

मक्का मदीना से लौटते वक्त बाबर के सैनिको ने उन्हें पकड लिया. लेकिन जब बाबर को उनकी प्रसिद्धि का पता चला तो उन्हें छोड़ना चाहा. परन्तु नानक जी ने यह शर्त रखी की उनके सारे कैदियों को छोड़ दिया जाय.

कई वर्ष बाद यात्रा करने के बाद उन्होंने करतारपुर में अपना आश्रम बनाया और अपने परिवार तथा शिष्यों के साथ वही रहने लगे. इसी बीच उनका लहिना नामक शिष्य बना,जो गुरु की वर्षो तक सेवा करता रहा.

अपने जीवन के अंतिम दिनों में कठिन परीक्षाओ के उपरांत नानकदेव ने लहीना को गुरु अंगद के नाम से अपना उत्तराधिकारी बनाया.

गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएं:
* ईश्वर को अपने भीतर ढूंढो.
*कोई भी मनुष्य दुसरो को अपने से छोटा न समझे.
*सभी जातियां और धर्म समान है.
*ईश्वर को पाने के लिए किसी भी प्रकार का बाहरी आडम्बर बेकार है.

पढ़े : गुरु नानक के अनमोल वचन

उनके अनुसार सब एक ईश्वर की उत्त्पति है, उसके लिए कोई भी बड़ा या छोटा नहीं है.

नानक जी एक महान कवि थे.इस रूप में ये हिन्दी व पंजाबी के एक महान कवि माने जाते है. गुरुदेव रविन्द्रनाथ ठाकुर व आचार्य विनोबा भावे के अनुसार नानकजी की ”कीर्तन साहिल” संसार के एक उच्च काव्य का एक नमूना है.

“गगन में थाल, रवि चन्द दीपक, बने तारका मंडल जनक मोती.
धूप मलियान लौ, पवन चवरे करे, सफल बनराय फुलंत ज्योति.”

इनके द्वारा लिखी वाणी श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में निहित है. इनके महान दार्शनिक ज्ञान,सूझ और प्रभावशाली वाणी व काव्य के सामने विद्द्वानो की शिक्षा भी फीकी पढ़ जाती है. गुरु नानक जी को यदि एक युग-प्रवर्तक कहा जाय तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी.

सन 1539 में गुरु नानक जी ज्योति ज्योत में समा गये.

Read More Hindi Jivani:
*. चन्द्रप्रभा एतवाल की प्रेरणादायक जीवनी
*. कुंती वर्मा का प्रेरक जीवन
*. गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर की जीवनी
*. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रेरणादायक जीवनी
*. लाला लाजपत राय की जीवनी

निवेदन- आपको Guru Nanak Dev Biography In Hindi, Guru Nanak Dev Ji life essay in hindi ये आर्टिकल कैसा लगा हमे अपने कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताये क्योंकि आपका एक Comment हमें और बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा और हमारा FB LIKE BOX को जरूर LIKE करे.

Related posts:

चन्द्रप्रभा एतवाल की प्रेरणादायक जीवनी शेर-ए पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की जीवनी ! Maharaja Ranjit Singh In Hindi Jamsetji Tata life Essay in hindiजमशेदजी टाटा की प्रेरणादायक जीवनी Amartya sen, नोबल पुरस्कार विजेता , अमर्त्य सेन की जीवनी, Best Biography Of Amartya Senअर्थशास्त्री और नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की जीवनी

Filed Under: Best Hindi Post, Biography, Hindi Essay, प्रेरक जीवन, प्रेरणादायक हिन्दी कहानी, हिन्दी निबन्ध Tagged With: 12 November, About Guru Nanak Dev in hindi, Guru Nanak Dev Biography In Hindi, Guru Nanak Dev in hindi, Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi, Guru Nanak Dev ka jeevan parichay/jivani, Guru Nanak Dev ke bare me, Guru Nanak Dev ki jivani, Guru Nanak Dev life history in hindi, Guru Nanak Dev nibandh, Guru Nanak in hindi, Guru nanak jayanti, Guru Nanak jivani hindi me, Guru Nanak ka jeevan, Guru Nanak ka jeevan parichay, Guru Nanak Ki Biography, guru parv, गुरुनानक देव जी की प्रेरणादायक जीवनी

About Surendra Mahara

Surendra mahara Author and founder of Nayichetana.com. He is very passionate about blogging And make people motivated and positive..Read More
Connect On a Facebook
Connect On a Youtube

Comments

  1. SHAMBHU NATH SINGH says

    November 30, 2020 at 7:03 am

    VERY GOOD POST .THANK YOU VERY MUCH.CONTINUE YOUR TRY PLEASE.

  2. Shanker says

    December 27, 2019 at 2:08 pm

    Sab ki khair sab da pala

  3. Sona says

    September 7, 2019 at 3:20 pm

    Nice jevani

  4. Surendra mahara says

    November 28, 2015 at 1:59 pm

    धन्यवाद निराला जी.

  5. Prakash Kumar Nirala says

    November 27, 2015 at 6:50 am

    धन्यबाद सुरेन्द्र जी गुरुनानक जी के बारे में इतने विस्तार से बताने के लिए.
    हमारे ब्लॉग पर भी पधारें https://jeevandarpan.com

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored Link

New Birth Certificate Online

High Quality Health Article Visit Health Lekh

Top & Best HowkHost Hosting




Top 7 Best Article In Nayichetana. Com

  • चाणक्य की 10 बातें आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है
  • 3 बुरी लत जो आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगी
  • वजन बढ़ाने के 21 आसान उपाय
  • आसानी से अपना कॉन्फिडेंस कैसे बढाये
  • मेरी ज़िन्दगी से सीखे गये मोटिवेशनल विचार
  • पैसो की सेविंग कैसे करे
  • कैसे पायें आसानी से सरकारी नौकरी ? 10 टिप्स
| About Us | Contact Us | Privacy Policy | Terms and Conditions | Disclosure & Disclaimer |

You Are Now: Nayichetana.com Copyright © 2015 - 2021 to Nayichetana.com