खुद को पहचानो सफलता मिल ही जाएगी Know HimSelf Go Success In Hindi
दोस्तों ! आज का समय तेजी से बदल रहा है. लोग खुद की पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है तो वही कुछ लोग आज भी मेहनत करने से जी चुरा रहे है. कभी आपने खुद के लिए वक़्त निकाला है ? कभी अपने दिल की सुनी है ? क्या आप अपने पसंद का काम कर रहे है ? आप सोच रहे होंगे की ये क्या सवाल हुआ.
चलिए पहले एक कहानी पढ़ते है –
Know HimSelf Go Success In Hindi
एक बार चार लड़के अपने प्रतिभा और ज्ञान को जानने के लिए एक संत के पास पहुंचे। संत के वहाँ पहुँचने के बाद उन्होंने अपने दिल की बात संत को बताई।
तब संत ने कहा – इससे पहले की मै आपको ज्ञान और प्रतिभा के बारे में कुछ बताऊ आप मेरा एक छोटा सा काम करके लाओ। उन्होंने चारो को एक-एक तोता दिया और उनसे कहा की इनकी गर्दन ऐसी जगह जाकर मरोड़ना जहा आपको कोई देख न सके।
बस फिर क्या था चारो चले गये गर्दन मरोड़ने के लिए..
पहला लड़का दोपहर में एक सुनसान रास्ते में गया उस समय लोग अपने घरो में सो रहे थे तो उसको मौका मिल गया और तोता की गर्दन मरोड़कर उसे लाकर संत के सामने रख दिया। दूसरे लड़का चुपचाप एक गली में गया जहा से लोग कम गुजरते थे, तो उसने तोता की गर्दन पकड़ी और मरोड़ दी फिर उसे संत के पास ले आया।
तीसरे लड़के ने सोचा की मुझे अभी कोई भी देख सकता है क्योंकि मै अगर यहाँ आ सकता हूँ तो कोई और भी आ सकता है तो उसने रात तक इंतजार करने की सोची फिर रात होते ही गर्दन मरोड़कर तोता को संत के सामने रख दिया।
परन्तु एक हफ्ता हो गया वह चौथा लड़का अभी तक नहीं आया था तो संत ने उन तीनो को उसे खोजने के लिए भेजा। वे तीनो उसे ढूंढ के ले आये तो संत ने उससे एक हफ्ते तक गायब होने का कारण पूछा।
तब वह लड़का बोला – मैंने दिन के बजाय इसकी गर्दन रात को मरोड़ने की सोची पर रात को चाँद-तारे देख रहे थे।फिर में अँधेरी कोठरी में गया और जैसे ही गर्दन पर हाथ रखा तो देखा की तोता देख रहा है। उसकी आँखे चमक रही थी। फिर मैंने इसकी आँखे बांध दी।
जब वह तोते की गर्दन मरोड़ने वाला था उसे संत का ख्याल आया कि संत ने कहा था , जहां कोई न देख रहा हो,पर यहाँ तो मैं खुद ये देख रहा हूँ।
वह मुश्किल में था इसलिए उसने बड़े विनम्रता से तोता संत को लौटा दिया और कहा की मैं ये नहीं कर सकता क्योंकि मैं चाहे कितने ही अँधेरे में चला जाऊं की कोई मुझे न देखे पर मैं तो ये देख रहा होऊंगा और आपने कहा था की कोई न देख पाये। यह सब देखने के बाद संत ने उन तीनो लड़को को वहां से विदा कर दिया और कहा – कि तुम तीनो अपनी प्रतिभा नही पहचान सकते। संत ने उस चौथे लड़के को रोक लिया क्योंकि वह एक बहुत ही गहरे अनुभव में पंहुचा था और खुद को जान पाया था।
दोस्तों ! यही बात हमें खुद के लिए देखनी चाहिए, जैसे कस्तूरी मृग खुद के अंदर से निकलने वाली गंध को ढूंढने के लिये पूरे जंगल में घूमता रहता है, ठीक उसी तरह हम अपनी प्रतिभा, अपने हुनर को ढूंढने के लिये इधर-उधर भटकते रहते है. जबकि हमें क्या पसंद है हमारा मजबूत पक्ष क्या है, इस चीज को हम खुद के अंदर नहीं तलाशते है.
अगर आप खुद के लिए Time निकालोगे तो आपको आपके हुनर, आपके दिल की ख्वाइश जो आपको सच में ख़ुशी देता है वो जरूर ढूंढने में कामयाब रहोगे. आज कई लोग ऐसे है जिनको खुद की प्रतिभा का अंदाजा नहीं है। वो बिना अपनी ख़ुशी जाने ज़िंदगी को यूँ ही काट रहे है जैसे ज़िंदगी जीना कोई सजा हो.
मेरे कहने का तात्पर्य सिर्फ यह है की आप यूँ ही लाइफ को बर्बाद मत करो बल्कि जो आपका टेलेंट है उसको जानो और अगर एक बार जान गए तो फिर पूरे दिल से जुट जाओ उसे पाने के लिए.
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Nitin Rajwanshi says
Very good post sir ji
to be continue
Jone says
thanks for this sir
Rohit yadav says
thak you bahut badiya hai ye aapka article.
khurram ahmad says
Bahut Badiyan Baat kahi hai sir ji aap ne dill khush ho gaya