मछलियां और एकबुद्धि मेढक शिक्षाप्रद कहानी
Buddhiman Machliya Aur Ekbuddhi Maidhak
एक तालाब में दो मछलियां रहती थी एक का नाम शतबुद्धि था और दुसरे का नाम था शह्स्त्रबुद्धि. उन दोनों मछलियों की एकबुद्धि नामक मेढक से दोस्ती थी.

मछलियां
एक दिन उस तालाब में मछुवारे आ पहुंचे और तालाब में मछलियों को देखने लगे.तभी उन मछुवारो में से एक मछुवारा बड़े धीरे से बोला-अरे देखो,इस तालाब में तो बहुत सी मछलियां है इसलिए इन मछलियों को मारने के लिए कल को जाल हम इसी तालाब में डालेंगे.कुछ देर बाद फिर वे चले गये.
यह सुनकर वे मछलियां दुखी हो गयी.
तभी उनसे मेढक बोला-अरे शह्स्त्रबुद्धि ! तुमने उन मछुवारों की बात सुनी वो तो कल यहाँ जाल डाल देंगे.तुम बताओ अब हमें क्या करना चाहिए.मेरे मानो तो यहाँ से पलायन करते है.
यह सुनकर शह्स्त्रबुद्धि बोला-अरे मित्र ! तुम क्यों डर रहे हो,केवल बात सुन लेने से हमें डरना नहीं चाहिये.इस दुनिया में दुष्ट लोगो की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती इसलिए तुम डरो मत.
शह्स्त्रबुद्धि की बात सुनकर शतबुद्धि बोला-तुम ठीक कहते हो,तुम शह्स्त्रबुद्धि हो और तुम्हारी जितनी बुद्धि किसी के पास नहीं और वैसे भी उन मछुवारो की इस बात से हमें अपने जन्मस्थान को नहीं छोड़ना चाहिए.
उन दोनो की बात सुनकर मेढक बोला-अरे मेरी और तुम्हारी बुद्धि एक ही समान है मेरी बात मानो.
हमें इस तालाब से निकलना चाहिए और अपनी जान बचानी चाहिए.मैं तो इस तालाब में अब एक पल भी नहीं रहूँगा तुमको आना है तो आओ.
यह सुनकर एकबुद्धि मेढक वहां से निकलकर दुसरे तालाब में चला गया किन्तु वे दोनों मछलियां उसी तालाब में रही.
दुसरे दिन वे मछुवारें सुबह ही उस तालाब में आ गये और उन्होंने वहां जाल डाल दिया.कुछ देर बाद उस जाल में मछलियां,मेढक और केकड़े फंस गये और शह्स्त्रबुद्धि व शतबुद्धि मछलियां भी पकड़ ली गयी.
दोपहर को मछुवारें उन मछलियों को ले जा रहे थे तो दुसरे तालाब से एकबुद्धि मेढक अपनी पत्नी से बोला-देखो ! कैसे शह्स्त्रबुद्धि व शतबुद्धि अपनी मुर्खता से पकडे गये और मैं एकबुद्धि अपने बुद्धि से बच गया.
इस कहानी से स्पष्ट है की शह्स्त्रबुद्धि व शतबुद्धि दोनों ने एकबुद्धि मेढक की बात को ignor करा जिस कारण उन दोनों को अपनी जान गवानी पड़ी.
उन दोनों को लग रहा था की इस एकबुद्धि मेढक की बुद्धि हमारी बुद्धि के सामने कुछ भी नहीं और हमारा ज्ञान ही इस मेढक से ज्यादा है.
Friends ! हमें हमेशा अपनी बुद्धि पर पूरा विश्वास करना चाहिए और समस्या का उचित हल सोचना चाहिए लेकिन अगर कोई हमें हमारी समस्या का सुझाव दे तो उसे जरुर एक बार गौर करे. क्या पता उसका सुझाव हमारे problem का कोई अच्छा हल बता दें और हमारी समस्या दूर कर दें.
Thanx For Reading Medhak aur Machhliyan Hindi Story
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