चाणक्य नीति – अपने – पराये की पहचान बताते है यह 6 हालात ! Chankya Neeti – Apne – Paraye Ki Pahchan Batate Hai Yah 6 Halat
इस जीवन में हमें जहाँ बहुत खुशियाँ मिलती है तो दुःख भी बहुत मिलता है. सुख – दुःख Jeevan के दो अहम पहलु है. जब हम सुखी (Sukhi) होते है तो हम अपनी खुशियों को अपने सगे – संबंधियों, रिश्तेदारों और अपनों के साथ बांटते है पर जब हमारे जीवन में बुरा दौर (Bura Daur ) आता है.
उस वक्त बहुत कम लोग ऐसे होते है जो हमारे साथ देने के लिए आते है, हमें बुरे दौर से निकालते है. उस समय हमें यह अहसास हो जाता है की कौन इंसान (Insan) अपना है और पराया है.
चाणक्य नीति (Chankya Neeti) के लेखक और महान विद्वान आचार्य चाणक्य (Aachary Chankya) ने चाणक्य नीति में बताया है की वह कौन से हालात है जो हमें यह बताती है की कौन सा इंसान हमारे लिए अच्छा करता है और कौन बुरा.
दोस्तों ! यह बात सच है कि सुख में तो हर कोई मजे लेने के लिए आपके साथ आ जायेगा पर बुरे समय में चंद लोग ही होते है जो आपका साथ देते है और आपकी Help करते है.
Chankya Ki 6 Baten – Kaise Pahchane Apne Sachhe Dosto ko !

Chankya Neeti
आचार्य चाणक्य ने उस ज़माने में यह बात कही थी जब चाणक्य जी अपना जीवन यापन करते थे. लेकिन उनकी यह बात आज भी उतनी ही सार्थक है जितनी तब थी. इस आर्टिकल में आप Aachary Chankya की बताई गई 6 बातें पढ़े जो हमें अच्छे – बुरे इंसान की पहचान कराती है.
आचार्य चाणक्य ने लिखा है –
आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षेत्र शत्रु संकटे.
राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बांधव:।
बीमारी के समय साथ देने वाला (Bimari Ke Samay Sath Dene Wale) –
हमारा शरीर (Body) वह शक्ति है जिसके माध्यम से हम कितना भी बड़ा कार्य क्यों न हो उसे आसानी से पूरा कर सकते है. यह शरीर ही है जो हम छोटे से लेकर बड़े काम पूरे कर पाते है. लेकिन कई बार जैसे मशीन ख़राब हो जाती है उसी तरह हम भी बीमार (Bimar) पड़ जाते है. ऐसे समय (Samay) में अपना ख्याल रखकर और उस बीमारी से लड़कर हम खुद को फिर से फिट रख पाते है.
जब अपनी Family में कोई person या हम खुद बीमार पड़ जाते है उस समय हमें ऐसे सहारे की जरूरत पड़ती है जो हमें उस बीमारी से लड़ने में मदद करे और हमारा ख्याल रखे. यह ऐसा समय होता है जब हमें हमारे हित चाहने वाले और मतलबी लोगो का पता चल जाता है.
अगर आपका दोस्त या परिजन आपको बीमारी के वक्त मिलने आता है तो समझ ले की वह आपका सच्चा साथी है पर अगर आपका कोई खास दोस्त व परिजन बीमारी के वक्त आपके पास न आये तो यह साबित करता है की वह आपका हितकारी नहीं है.
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दुःख – दर्द में अपना मानने वाला (Dukh – Dard Me Apna Manne Wala) –
हमें कई बार अपनी Life में दुःख – दर्द को Face करना पड़ता है. ऐसे मौके आते है जब हम बिलकुल अकेले पड़ जाते है और ऐसा लगने लगता है मानो जैसे सब कुछ खत्म हो गया हो. कई बार हमें भयंकर चोट लग जाती है जिससे हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और दर्द होता है. वही बहुत अच्छी Relationship का टूट जाना, बिजनेस में Loss हो जाना ऐसा वक्त होता है जब हम अपना आत्मविश्वास (Aatmvishvas) खो बैठते है.
ऐसे मौके पर अगर आपको कोई ऐसा इंसान मिल जाए जो आपको बुरे दौर से बाहर निकाले तब आप फिर से मजबूत हो जाते है. फिर से आप उन चीजो को पा सकते है जो आपके पास नहीं है. ऐसे बुरे वक्त में अगर कोई आपका साथ देता है तो वह आपका हित चाहने वाला ही होता है. इसलिए हमेशा ध्यान रखे की बुरे दौर में किन लोगो ने आपकी सहायता की. ऐसे लोगो को जब आपकी हेल्प की जरुरत पड़े तो आप भी जरुर करे.
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गरीबी में जो साथ दे (Garibi Me Jo Sath De) –
यह जीवन कभी भी समान रूप से नही चलता. हमेशा यहाँ ऊपर – नीचे चलता रहता है. अभी माना आपकी लाइफ में बहुत पैसा – दौलत (Paisa – Daulat) है तो 20 सालों बाद यह छीन भी सकता है. आप अमीरी से गरीबी में भी आ सकते हो. और यह कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है. ऐसे बहुत से लोगो के साथ हुआ भी है. अगर आप अभी Garib हो तो आपको इस गरीबी से उबरने के लिए और अपनी गरीबी को दूर करने के लिए पैसे की आवश्यकता पड़ती होगी.
ऐसे मौके पर जो लोग आपकी हेल्प करते है वो आपके अपने ही होते है. रिश्तेदारों में और Society में तो आपकी जान – पहचान बहुत होगी पर उनमे से हर कोई आपको इस गरीबी के दौर में सहायता नहीं देगा, बल्कि आपसे दूर ही जाने लगेंगे. ऐसे कम ही लोग होते है जो आपका साथ देते है और इस गरीबी में कई बार आपकी Help करते है.
इसलिए गरीबी के दौर में यह हमेशा ध्यान में रखे की वे कौन थे जिन्होंने आपकी हेल्प की और उनका अहसास कभी भी न भूले. उनकी जरूरत के वक्त मदद करे.
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दुश्मन या मुसीबत के समय (Dushman Ya Musibat Ke Samay) –
आचार्य चाणक्य कहते है की अगर आपको कोई दुश्मन या व्यक्ति तंग कर रहा हो तो उसका सामना करने के लिए आपके साथ कितने लोग होते है वह आपको आपके सच्चे साथियो की पहचान कराता है. बहुत बार हमारे जाने – अनजाने कई मुसीबतें आ जाती है जिसका हमें अंदाजा भी नहीं होता. ऐसे मौके पर हमारे शुभचिंतक ही हमारा साथ देते है. ये मुसीबतें हमें हमारे शुभचिंतको के बारे में बताती है.
मुसीबत (Musibat) के वक्त हमेशा सच्चे यार ही काम आते है जो मौज – मस्ती के लिए हमारे साथ रहते है. ऐसे मौको पर वे लोग किनारा कर लेते है और सिर्फ तमाशा देखते है. ऐसे लोगो की एक बार पहचान होने पर उनसे कट रहना शुरू कर दीजिये. जो व्यक्ति आपके मुश्किल समय में साथ न हो तो ऐसे मित्र – परिजन की जरूरत ही क्या है. कम दोस्त या रिश्तेदार हो पर ऐसे हो जो हर समय आपके साथ खड़े हो.
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घर – परिवार के अहम फैसलो पर (Ghar – Parivar Ke Aham Faisalo Par) –
हम सबका जिस तरह से एक परिवार होता है उसी तरह से सभी के रिश्तेदार (Rishtedar) भी होते है. सभी लोग अपने परिवार के बड़े फैसलों को अपने रिश्तेदारों और सम्बन्धियों से बात करके ही लेते है. हमारे परिजन हमें हर उस सिचुएशन (Situation) में सही राह देते है जो हमारे लिए सही होता है.
अगर हमें माना अपने परिवार में किसी लड़के (Ladke) की शादी (Shadi) करनी होती है तो हम उसे अपने बड़ो से और परिजनों से उस रिश्ते (Rishtey) के बारे में बात जरुर करते है.
ऐसे ही कई गंभीर और बड़े मामलो में हमारा अपने परिजनों (Parijano) से सलाह लेना ठीक होता है पर सभी लोग हमें सही सलाह नहीं देते. वही लोग हमें सही सलाह देते है जो हमें सही मायने में अपना मानते है बाकी लोग तो उस विषय की गंभीरता (Gambhirta) को देखे बिना ही कुछ भी सलाह दे देते है.
ऐसे लोगो की सलाह हमारे लिए कई बार भारी पड़ जाती है. इसलिए ऐसे मौके पर हमें उन लोगो के बारे में पता लग जाता है जो सिर्फ दिखावे के लिए अपने होते है.
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परिवार में किसी की मृत्यु के समय (Pariwar Me Kisi Ki Mrityu Ke Samay) –
वैसे तो परिवार में किसी की मृत्यु के समय सभी परिजन और साथी हमारे परिवार का साथ देते है लेकिन कई बार ऐसे भी साथी और रिश्तेदार हमें देखने को मिल जाते है जिनका ऐसे मौके पर भी अता – पता नहीं होता.
ऐसे लोग काम का बहाना (Bahana) बनाकर या कोई बड़ा रीज़न देकर ऐसे नाजुक मौके पर भी हमारे साथ नहीं आते है. ऐसे लोगो के लिए सिर्फ अपना काम और पैसा ही मायने रखता है.
भला ! ऐसे रिश्तेदारों व दोस्तों का क्या फायदा है. ऐसे समय में आप उन लोगो को जरुर नजरो में रखो जो ऐसे मौके पर हमारे साथ नहीं होते. जब आप इस घटना (Ghatna) से उबर जाते हो तो तब ऐसे रिश्तेदारों को खुद से दूर ही रखे और गहरा रिश्ता न जोड़े. खुद अगर आप कितने भी बड़े काम को क्यों न कर रहे हो पर जो आपसे इन नाजुक मौको पर वहां मौजूद होने की उम्मीद करते है उनके साथ जरुर रहे.
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दोस्तों ! इस Article में हमने आपको चाणक्य नीति का एक बहुत Important सन्देश शेयर किया. आप भी अपनी लाइफ की इन 6 स्टेजो पर अगर कभी भी गुजरो तो अपने सच्चे साथियो और अपने पराये साथियों को जरुर नोट करे. यह जरुर देखे की कौन आपका ऐसे मौको पर साथ देता है और कौन सिर्फ अच्छे समय (Acchhe Samay) में साथ होता है.
यह याद रखे की बुरे वक्त में जो आपके साथ होते है वह सच्चे शुभचिंतक होते है बाकि तो सिर्फ खुशियों में आने वाले स्वार्थी (Swarthi) होते है.
अगर आपका कोई परिजन या रिश्तेदार के साथ इनमे से कोई भी घटना या बुरा दौर चल रहा हो तो उसका एक सच्चा साथी बनकर जितना भी हो सके अपनी तरफ से हेल्प करे. उनके बुरे दौर में अगर आप उसकी हेल्प करोगे तो उसका फल आपको भी अवश्य मिलेगा.
अगर आपका कोई साथी या रिश्तेदार गरीब हो तो उनको सहायता जरुर करे. यही सहायता आपको बुरे वक्त में साथ देगी. और वह कहते है न – जैसे आप दूसरो के लिए करते है, वैसा ही आपको भी बदले में मिलता है.
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निवेदन- आपको Chankya Neeti – ye 4 baten kabhi bhi kisi ko nahi bataye hindi Article पढ़कर कैसा लगा. आप हमें comments के माध्यम से अपने विचारो को अवश्य बताये. हमें बहुत ख़ुशी होगी.
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ACHARYA CHANAKYA IS VERY TALENTED IN TODAY’S REALITY.NO ONE CARE IN BAD TIME IN REAL LIFE.
मै दरीयाव सिंह चाणक्य जी का बहुत बहुत नमन करता हू जिन्होंने आज के कलयुग मे बहुत अच्छी बातो के साथ चलने का संकल्प बनाया है कोन बुरा कोन भला बिल्कुल वैसी बात आज हमे देखने को मिलती है
Chanakya Ji ki baatein aaj bhi hmaare jeevan me bahut mehtavpurna hai …. apne jin 6 baaton ko vistaar se btaya inse hume apne-paraye ka pta lg jata hai aur sachhe sathi ki bhi pehchaan ho jati hai.
महारा जी आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं ! नयी पीढ़ी को महान लोगों से परिचय कराने का आपका यह प्रयास बहुत सराहनीय है !
चाणक्य की ये बातें जितनी उनके समय पर सटीक थीं आज भी उतनी ही सटीक हैं …..
बिलकुल सही कहा था चाणक्य ने कि अपने और पराये का पता दुःख दर्द, बीमारी और बुरे वक़्त में ही चलता है ख़ुशी में तो हर कोई आ जाता है हाल चाल पूछने
सुरेन्द्र जी चाणक्य के माध्यम से आपने बिलकुल सही बाते बताई हैं ।